रविवार, 30 मई 2021

10TH GOLDEN JUBILEE ( 500TH BLOG )

                            10 वां गोल्डन जुबिली  ( 500  वां  ब्लॉग  )

                       बाबा हमको राईटर बनाये और बच्चे लोग ब्लॉगर बना दिए.। टाइम पास के लिये पेड़ पौधा फूल फुलवारी जो भी अच्छा लगे उसके बारे ब्लॉग में  लिखने लगे। फिर देश विदेश घूमना देखना उसके बारे लिखते लिखते आज मेरा 500 ब्लॉग हो गया।अब दो साल से कोरोना काल के कारन देश विदेश तो जाना हो नहीं रहा है। लॉक डाउन  में कुन्नूर में घर बैठे-बैठे  प्रकृति का नजारा का मजा लेना भी देश विदेश घूमने से कुछ कम नहीं है।

              सुबह -सुबह कोयल की कूक,रंग बिरंगी  चिड़ियों की चहचहाट, बंदरो का उत्पात, गिलहरी की मस्ती का आनंद लेते दिन की शुरुआत होती है। घर जंगल के बीच होने के कारन और लॉक डॉन होने के कारन शांत एकांत वातावरण में तरह तरह के जंगली जीव -जंतु भी स्वछन्द घूमते दिख जाते है। मलाबार गिलहरी जिसे फ्लाईंग गिलहरी भी बोला जाता है,आकार  में भी काफी बड़ी होती है पेड़ों में कूदती रहती है। बन्दर तो बारोह मास धूम मचाते थे अब जंगल से बड़ी बड़ी काले रंग की नीलगिरी लंगूर  भी आना शुरू हो गया है।लंगूर पूरा काला फर वाला और सिर पर भूरा फर होता है। पहले कभी नहीं दिखता था लॉक डाउन के कारन दूर जंगल से निकल कर आया है।  बाइसन(जंगली भैंसा)  ,पॉर्क्यूपिन (सेही कांटा वाला जन्तु) ,वाइल्डबोर  (जंगली सूअर ),हाथी ,भालू ,हरिण  इत्यादी जंगली जीव जन्तु घूमते रहते है।घर बैठे इंद्रधनुष भी पहाड़ में दीखता है।  घर पर रहो और प्रकृति का आनंद लेते दिन व्यतित करना बड़ा अच्छा लगता है।

जंगली भैंसा 

नीलगिरी गुरीला 

मलाबार गिलहरी 






  

  

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