आर्किड फूल
आर्किड करीब -करीब संसार के सभी ठंडे जलवायु में पाया जाता है। भारत में हिमालय और पश्चिमी घाट के कोडईकनाल और नीलगिरि पर्वत में पाया जाता है। आर्किड ५०० प्रकार के और सैकड़ों रंगो में होता है। गमले या पेड़ में बांध कर लगा सकते है। जंगलो में किसी भी पेड़ में अपने आप फलता फूलता है।जंगली और देशी आर्किड का ज्यादा सेवा भी नहीं करना पड़ता है एक बार लगाने पर सालों साल खिलता और फैलता रहता है।
आजकल नर्सरी में हाईब्रीड विदेशी आर्किड का पौधा आसानी से मील जाता है और इसका फूल भी बहुत ही मनमोहक होता है। एक बार फूल आने पर महीनों खिला रहता है। पर इसका ग्रोथ थोड़ा स्लो होता है और देशी की अपेक्छा इस का स्पेशिल केयर करना पड़ता है बहुत ही नाजुक होता है।मेरे पास देशी और विदेशी दोनों ही प्रकार का आर्किड है पर देशी का एक पौधा से अनेक पौधा बना चुके है पर विदेशी का स्पेशिल केयर करने के बाद भी उसका अनेक नहीं बन पाया है।पर जो हो गार्डन का रौनक तो बड़ा ही देता है।
आर्किड करीब -करीब संसार के सभी ठंडे जलवायु में पाया जाता है। भारत में हिमालय और पश्चिमी घाट के कोडईकनाल और नीलगिरि पर्वत में पाया जाता है। आर्किड ५०० प्रकार के और सैकड़ों रंगो में होता है। गमले या पेड़ में बांध कर लगा सकते है। जंगलो में किसी भी पेड़ में अपने आप फलता फूलता है।जंगली और देशी आर्किड का ज्यादा सेवा भी नहीं करना पड़ता है एक बार लगाने पर सालों साल खिलता और फैलता रहता है।
आजकल नर्सरी में हाईब्रीड विदेशी आर्किड का पौधा आसानी से मील जाता है और इसका फूल भी बहुत ही मनमोहक होता है। एक बार फूल आने पर महीनों खिला रहता है। पर इसका ग्रोथ थोड़ा स्लो होता है और देशी की अपेक्छा इस का स्पेशिल केयर करना पड़ता है बहुत ही नाजुक होता है।मेरे पास देशी और विदेशी दोनों ही प्रकार का आर्किड है पर देशी का एक पौधा से अनेक पौधा बना चुके है पर विदेशी का स्पेशिल केयर करने के बाद भी उसका अनेक नहीं बन पाया है।पर जो हो गार्डन का रौनक तो बड़ा ही देता है।
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