सोमवार, 23 दिसंबर 2019

MERRY CHRISTMAS

               क्रिसमस  का त्यौहार

        क्रिसमस पर घरों और गिरजाघरों में क्रिसमस ट्री से सजाया जाता है। लोग बाग गिफ्ट देते है। सांताक्लॉज बच्चों को गिफ्ट बांटते है। ये सब पश्चिमी देशो में होता है। लेकिन पश्चिमी देशो में क्रिसमस ट्री को  क्रिसमस फ्लॉवर से भी सजाया जाता है।सितारेनुमा चटक लाल रंग का पोइनसेंटीया के फूल से सजाते है। इसे क्रिसमस फ्लॉवर कहा जाता है।
    क्रिसमस फ्लॉवर के बारे में एक कहानी प्रचलित है की 16 वीं शताब्दी में मारिया नाम की एक गरीब लड़की जीसस के जन्म दिवस समारोह में कोई उपहार नहीं दे पाई थी तब एक परी आकर मारिया से बोली की सड़क का खरपतवार एकत्र करके चर्च के द्वार में रख दो। मारिया ने वैसा ही किया। दूसरे दिन उसने देखा की खरपतवार एक सुन्दर सितारेनुमा फूल में बदल गया है।तब से ही इस फूल से ट्री सजाने का परंपरा बन गया।
     क्रिसमस फ्लॉवर के अलावा मिसटलेटए की टहनीया भी क्रिसमस का एक खास हिस्सा है।इसकी टहनीयों को दरवाजे में लटकाया जाता है और उम्मीद की जाती है की बुरी आत्माओ  से  ये बचाएगा।
  क्रिसमस में जहाँ प्लम केक का रिवाज है वहीं क्रिसमस पार्टी में टर्की (पक्छी )का भी बहुत महत्व है। 16वीं - 17 वीं शताब्दी मे लन्दन का एक अंग्रेज व्यपारी टर्की खरीद कर डिनर मे बनवाया और उस समय के राजा हेनरी को अपने पार्टी में टर्की का गोस्त खिलाया राजा को बहुत पसंद आया तब से ही ये प्रथा है की क्रिसमस पार्टी में टर्की जरूर बनता है और लोग बाग  बहुत ही चाव से खाते है।
     अब मान्यता तो मान्यता है पर लोग बाग  इसी बहाने त्यौहार मानते है पार्टी करते है। विदेश तो विदेश अपने देश में भी लोग जीसस का जन्मदिवस धूमधाम से मनाते है।





    
     

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