माधवी लता
माधवीलता का फूल खुशबूदार गुच्छे में होता है। यह एशिया में पाया जाने वाला लता (वेल ) है,पर दुनिया के और भी जगहों में पाया जाता है। साल भर इसका फूल खिलते ही रहता है। गर्मी के दिनों में भीना -भीना खुशबू पुरे गार्डन में बिखेरता है। पर फूल का रंग जरा डल रहता है। जैसे ही बरसात शुरू हुआ इसका छठा देखते ही बनता है। फूल सफ़ेद रंग में खिलता है और फिर गुलाबी होते -होते चटक लाल रंग का हो जाता है। एक ही गुच्छे में तीनो रंग एक साथ होता है। फूल का गुच्छा भी कई दिनों तक खिला रहता है।
माधवी लता कई नामो से जाना जाता है। अलग अलग राज्य में इसका नाम भी अलग है। मधुमालती ,रंगून मल्ली,राधा मनोहरम इत्यादी नाम है। बर्मा में बहुत होता है ,शायद इसलिए इसका नाम रंगून पड़ा होगा। अब बरसात भी शुरू हो गया है इसका छटा देखते ही बनता है ,गार्डन का रौनक भी लौट आया है।
माधवीलता का फूल खुशबूदार गुच्छे में होता है। यह एशिया में पाया जाने वाला लता (वेल ) है,पर दुनिया के और भी जगहों में पाया जाता है। साल भर इसका फूल खिलते ही रहता है। गर्मी के दिनों में भीना -भीना खुशबू पुरे गार्डन में बिखेरता है। पर फूल का रंग जरा डल रहता है। जैसे ही बरसात शुरू हुआ इसका छठा देखते ही बनता है। फूल सफ़ेद रंग में खिलता है और फिर गुलाबी होते -होते चटक लाल रंग का हो जाता है। एक ही गुच्छे में तीनो रंग एक साथ होता है। फूल का गुच्छा भी कई दिनों तक खिला रहता है।
माधवी लता कई नामो से जाना जाता है। अलग अलग राज्य में इसका नाम भी अलग है। मधुमालती ,रंगून मल्ली,राधा मनोहरम इत्यादी नाम है। बर्मा में बहुत होता है ,शायद इसलिए इसका नाम रंगून पड़ा होगा। अब बरसात भी शुरू हो गया है इसका छटा देखते ही बनता है ,गार्डन का रौनक भी लौट आया है।
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