मंगलवार, 16 जुलाई 2019

NIGHT BLOOMING JASMINE (YELLOW RATRANI )

                  रात की रानी (पीला रात की रानी )

       रात की रानी सोलनेसी  फैमिली का पौधा है। इसका मूल स्थान दक्छिन एशिया और वेस्टइंडीज़ है। जैसा की नाम है रात की रानी तो रात को ही खिलता है। अधिकांश रात में खिलने वाला फूल सफ़ेद और खुशबूदार होता है। इस फूल की खासियत ये है की पूर्णिमा में पुरे पौधे में फूल भर जाता है पर अमावस्या में नहीं खिलता है। फूल में पांच पंखुड़ी स्टार के आकार में होता है। वैसे इसका पौधा 10 -12 फ़ीट का होता है और इसमें साल में 4 बार फूल खिलता है पर हर बार फूल हो जाने के बाद थोड़ा काट छांट कर देने पर पौधा सूंदर भी दीखता है और 5 -6 फ़ीट का ही रहता है।
  खुशबूदार  फूल होने के कारन छोटी चिडिया  ,कीट -पतंग इत्यादी आकर्षित होते है और इसका पराग फैलाते है। आर्युवेद दवाई ,कॉस्मेटिक ,इत्र इत्यादी बनाने में भी काम आता है।वैसे तो सभी कोइ सफ़ेद रात की रानी ही जानते है और रायपुर में घर में भी लगा है जब -जब फूल खिलता है तो गार्डन में बहार आ जाता है और खुशबु से बड़ा अच्छा भी  लगता है।
       कुन्नूर में पीला -नारंगी रंग लिये हुए रात की रानी का फूल होता है पर इसमें खुशबु भी नहीं होता है। जंगल में झाड़ी नुमा पौधा होता है। जब फूल खिलता है तो बहुत ही अच्छा लगता है। जंगल होने के कारन छोटी -छोटी चिडीया फूल से रस लेते रहती है जिसे देखना अच्छा लगता है।कुन्नूर आने के पहले तक सिर्फ सफ़ेद ही रात  की रानी जानते थे। अब तो हर साल पीला रात की रानी का बहार देखने मिल ही जाता है।





    

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