गुड फ्राइडे एंड ईस्टर
क्रिश्चन समुदाय के लोग इस दिन जीसस के सूली चढ़ने के दिन के रूप में याद करते है इसलिए इसका सेलीब्रेसन नहीं करते हैं बल्कि इस दिन व्रत रखकर चर्च जाकर प्रार्थना किया जाता है। मार्च महीने के चार शुक्रवार को व्रत रखते है। पाम संडे से होली वीक मनाते है ,लास्ट शुक्रवार के तीसरे दिन ईस्टर मनाते है। मान्यता है की सूली के तीसरे दिन फिर से येशु प्रगट हुए थे इसलिए चौथे शुक्रवार के बाद वाले संडे को ईस्टर मनाते है। इस दिन पकवान बना कर ,एक दूसरे से मिल कर चर्च में जा कर ईस्टर मनाया जाता है।
जबतक कुन्नूर नहीं गए थे तब तक इतना नहीं मालूम था क्यों और कैसे ईस्टर मनाया जाता है। और पता भी नहीं था की ईसाई लोग भी व्रत रहते है। पर कुन्नूर आने जाने के कारण ईस्टर और गुड फ्राइडे का असली माने और मनाने का तरीका पता चला।
क्रिश्चन समुदाय के लोग इस दिन जीसस के सूली चढ़ने के दिन के रूप में याद करते है इसलिए इसका सेलीब्रेसन नहीं करते हैं बल्कि इस दिन व्रत रखकर चर्च जाकर प्रार्थना किया जाता है। मार्च महीने के चार शुक्रवार को व्रत रखते है। पाम संडे से होली वीक मनाते है ,लास्ट शुक्रवार के तीसरे दिन ईस्टर मनाते है। मान्यता है की सूली के तीसरे दिन फिर से येशु प्रगट हुए थे इसलिए चौथे शुक्रवार के बाद वाले संडे को ईस्टर मनाते है। इस दिन पकवान बना कर ,एक दूसरे से मिल कर चर्च में जा कर ईस्टर मनाया जाता है।
जबतक कुन्नूर नहीं गए थे तब तक इतना नहीं मालूम था क्यों और कैसे ईस्टर मनाया जाता है। और पता भी नहीं था की ईसाई लोग भी व्रत रहते है। पर कुन्नूर आने जाने के कारण ईस्टर और गुड फ्राइडे का असली माने और मनाने का तरीका पता चला।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें