कड़ी पत्ता ( मीठा नीम )
भारत में पाया जाने वाला पेड़ है। इसका पेड़ 5 -6 मीटर ऊँचा और घना होता है। इसके फूल सफ़ेद छोटे -छोटे होते है। और फल छोटा काले रंग का होता है। फल सुख कर झड़ जाता है और उसीके बीज से नया छोटा -छोटा पौधा निकलते रहता है।सब्जी वगैरा में छौंक के काम में लिया जाता है इसलिए इसे कढ़ी (करी )पत्ता बोला जाता है। मीठा नीम भी बोलते है।
रसोई के आलावा ये भी आर्युवेदिक दवाई में काम आता है। बहुत बिमारी की दवाई बनाने में उपयोग होता है।दक्छिन भारत में सबसे ज्यादा इसका प्रयोग रसोईं में होता है। भारत का पड़ोसी श्रीलंका में भी रसोईं में छौंक में काम लिया जाता है। शायद वहाँ तमिल लोग बहुत है इसलिए श्री लंका में भी उपयोग करते है।
चाहे जो हो स्वाद और दवाई दोनों में काम आता है और लगाना भी बहुत आसान है इसलिए घर -घर में इसका पौधा होता ही है। हर साल कांट -छांट कर अपने बगीचे के हिसाब से शेप दे देने पर एक पौधा से सालों साल तक करी पत्ता मिलते रहता है।
भारत में पाया जाने वाला पेड़ है। इसका पेड़ 5 -6 मीटर ऊँचा और घना होता है। इसके फूल सफ़ेद छोटे -छोटे होते है। और फल छोटा काले रंग का होता है। फल सुख कर झड़ जाता है और उसीके बीज से नया छोटा -छोटा पौधा निकलते रहता है।सब्जी वगैरा में छौंक के काम में लिया जाता है इसलिए इसे कढ़ी (करी )पत्ता बोला जाता है। मीठा नीम भी बोलते है।
रसोई के आलावा ये भी आर्युवेदिक दवाई में काम आता है। बहुत बिमारी की दवाई बनाने में उपयोग होता है।दक्छिन भारत में सबसे ज्यादा इसका प्रयोग रसोईं में होता है। भारत का पड़ोसी श्रीलंका में भी रसोईं में छौंक में काम लिया जाता है। शायद वहाँ तमिल लोग बहुत है इसलिए श्री लंका में भी उपयोग करते है।
चाहे जो हो स्वाद और दवाई दोनों में काम आता है और लगाना भी बहुत आसान है इसलिए घर -घर में इसका पौधा होता ही है। हर साल कांट -छांट कर अपने बगीचे के हिसाब से शेप दे देने पर एक पौधा से सालों साल तक करी पत्ता मिलते रहता है।
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