सूर्यदेव का उपासक फूल
सूर्यमुखी
फूल भी सुन्दर नाम भी सुन्दर ,और बहुत ही उपयोगी फूल है सूरजमुखी। यह सबेरे पूरब की ओर मुहँ कर लेता है ,जैसे उगते सूरज का स्वागत कर रहा हो और दिन भर पश्चिम की ओर घूमते जाता है।लगता है की सूरज का पीछा कर रहा है। सूर्यास्त के बाद यह रात में फिर पूरब की ओर मुहँ कर लेता हैं. सुबह फिर से उगते सूरज का स्वागत करने। इस फूल का नाम सभी भाषाओं में सूर्य से ही जुड़ा है जैसे सूर्यमुखी ,सनफ्लॉवर आदि।
इसका एक फूल वास्तव में अनेक छोटे फूलों का गुच्छा होता है ,जिसमें अनेक फल लगते है। जिन्हे हम सूर्यमुखी का बीज कहते हैं। जब बीज पक कर तैयार हो जाता है तो तोता ,चिड़ियाँ आदि इसे खाने आती है। जिसे देखने का भी अलग मजा है।
वैसे इस फूल का मूल स्थान मैक्सिको है, और वहीं से सारे दुनिया में फैला है। इसकी अनेक प्रजाति पाई जाती है ,जो अनेक आकर -प्रकार और रंग का होता है। पर ज्यादा तर पीले रंग वाला ही देखने मिलता है।एक फिट से लेकर 12 फ़ीट हाईट तक का इसका पौधा होता है। हमारे देश में इसके फूल को हरित क्रांति का प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
सूरज मुखी के बीज से तेल निकालने के लिये खेती होता है और खळी जानवरों के खाने के काम आता है। साथ ही विदेशों में इससे माखन भी निकाल कर उपयोग करते है और बीज को सेक कर खाया भी जाता है ,जो की बहुत पौस्टिक होता है।घर के बगीचा का सुंदरता तो बढ़ाता ही है साथ ही कितना उपयोगी भी है।
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