KODANAD
कुन्नूर से 20 किलोमीटर की दूरी पर खुबसूरत चाय बागानों से घिरा कोटागिरी है। यहाँ एक तो अम्मा का खुबसूरत टी स्टेट है और दूसरा कोडानाड व्यू पॉइन्ट है। एक तरफ जहाँ चाय बागान है तो दुसरी तरफ खाई और चट्टान, कब और कैसे ऐसा हुआ होगा पता नहीं। जरूर सैकड़ों साल पहले कभी भूकंप ,सुनामी कुछ तो जरूर हुआ होगा जिसके कारन कोडानाड ऐसा दिखता है। दृश्य तो बहुत ही सुंदर है और किसी जगह से तुलना भी नहीं कर सकते ,पर बरबस ऐसा लगता है की ये कुन्नूर का ग्रैंड कैनियन है। वॉच टावर से रंगास्वामी पीक भी दिखता है। दूर -दूर सिर्फ और सिर्फ चट्टान ही चट्टान। जहाँ जयललिता का चाय बागान बहुत ही सुंदर तरीके से सजा हुआ है। वैसे ही बहुत कीमती अच्छे प्रकार का चाय का उपज इस बागान में होता है ,कुन्नूर ऊंटी में ज्यादा तर ctc tea होता है तो जयललिता के बागान में ctc के अलावा व्हाइट टी ,वुलांग टी ,ग्रीन टी ,लॉन्ग टी आदी कीमती चाय का उपज होता है। कुन्नूर से दूर जरूर है पर देखने लायक जगह है।
कुन्नूर से 20 किलोमीटर की दूरी पर खुबसूरत चाय बागानों से घिरा कोटागिरी है। यहाँ एक तो अम्मा का खुबसूरत टी स्टेट है और दूसरा कोडानाड व्यू पॉइन्ट है। एक तरफ जहाँ चाय बागान है तो दुसरी तरफ खाई और चट्टान, कब और कैसे ऐसा हुआ होगा पता नहीं। जरूर सैकड़ों साल पहले कभी भूकंप ,सुनामी कुछ तो जरूर हुआ होगा जिसके कारन कोडानाड ऐसा दिखता है। दृश्य तो बहुत ही सुंदर है और किसी जगह से तुलना भी नहीं कर सकते ,पर बरबस ऐसा लगता है की ये कुन्नूर का ग्रैंड कैनियन है। वॉच टावर से रंगास्वामी पीक भी दिखता है। दूर -दूर सिर्फ और सिर्फ चट्टान ही चट्टान। जहाँ जयललिता का चाय बागान बहुत ही सुंदर तरीके से सजा हुआ है। वैसे ही बहुत कीमती अच्छे प्रकार का चाय का उपज इस बागान में होता है ,कुन्नूर ऊंटी में ज्यादा तर ctc tea होता है तो जयललिता के बागान में ctc के अलावा व्हाइट टी ,वुलांग टी ,ग्रीन टी ,लॉन्ग टी आदी कीमती चाय का उपज होता है। कुन्नूर से दूर जरूर है पर देखने लायक जगह है।
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