भगवान कार्तिक का मंदिर
हमारे घर के सामने चाय बगान, घना जंगल और पहाड़ के ऊपर कार्तिक का मंदिर बना हुआ है। धर्म के अलावा इसे एडवेंचर टूर ज्यादा बोल सकते है। रोज सुबह शाम दर्शन होते रहता है। 2 -3 बार पहले भी अलग -अलग अवसर में जाना हुआ है। अब इस बार भईया लोग थे तो उनलोगों को भी दिखाने निकल पड़े।
रास्ते भर चाय बागानों में पत्तीयों का कटाई -छटाई चल रहा था और वहाँ से नजारा भी अच्छा लग रहा था। बस हमलोग गाड़ी से उतर कर चाय बागानों में घुस गये उनके औजार लेकर पत्ती काटना शुरू कर दिए। भाभी को मजा आने लगा ,हमलोगों का हँस -हँस कर बुरा हाल हो रहा था आखीर घूमते घामते पहाड़ के ऊपर चढ़ ही गये। ऊपर सैकड़ों साल पुराना कार्तिक जी का मंदिर था। वहाँ से कून्नूर का नजारा भी अच्छा लग रहा था। यहाँ भी धूप खीला था तो सब अच्छा लगना ही था। फिर धीरे -धीरे दोपहर तक घूमते हुए वापस घरआ गये
।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें