रविवार, 30 जून 2024

#TEA#GARDEN#COONOOR

                          चाय बगान में परिवार संग मस्ती 

              कुन्नूर के चाय बगान में परिवार के साथ खूब घूमें। हम सबोने खूब मस्ती किया। अपने हाँथ से सबोने चाय की पत्तियाँ तोड़ कर घर लाये। चाय की पत्तियों से पकौड़ा बना कर खाये। जैसे पालक का पत्ता का बेसन लपेट कर पकौड़ा बनता है ,ठीक वैसे ही चाय की नरम पत्तियों से कुन्नूर में पकौड़ा बनाया जाता है। सबों को बहुत अच्छा लगा। नए लोग को नहीं बताने पर वे तो पालक का ही पकौड़ा समझेंगे। ठण्ड के मौसम में गरमा गरम चाय के साथ पकौड़ा खाने का मजा ही कुछ और है। 












बुधवार, 26 जून 2024

#NILGIRIS#SUMMER#FESTIVAL#SHOW

                    नीलगिरि समर फेस्टिवल शो 

            हर साल पुरे नीलगिरी डिस्ट्रीक्ट में मई के महीने में  जितने भी  गार्डन है ,वहाँ पर शनिवार और रविवार को हर हफ्ता अलग अलग थीम में शो होता है।कोटागिरी के गार्डन  में वेजीटेबल शो में वेजीटेबल से तरह तरह का आकृति बना होता है। गुडलूर के गार्डन में मसाला से आकृति बना होता है। ऊटी के रोज गार्डन में रोज शो में सैकड़ों वेराइटी का गुलाब देखने मिलता है। ऊटी के बॉटनीकल गार्डन में अनेक वेराइटी का फूल और फूल से बना आकृति देखने मिलता है। अंत में मई के लास्ट रविवार को कुन्नूर के सिम्स पार्क में फ्रूट शो होता है। यहाँ भी फलों से तरह तरह का जीव ,जन्तु  का आकृति बना हुआ देखते ही बनता है। शो समाप्त होने के बाद सारे फल ,सब्जी से जैम, जेली अंचार आदि बनाने के उपयोग में लिया जाता है। हमारे घर के पास ही सिम्स पार्क होने के कारन हर साल समर फेस्टीवल का आनंद उठा पाते है। ऊटी हिल स्टेशन होने के कारन पुरे मई जून के महीने में लाखो टूरिस्ट घूमने आते है और समर फेस्टीवल का आनंद उठाते है।



 











 

सोमवार, 24 जून 2024

#SIDHAGIRI#SHIRDI#SAI#BABA#TEMPLE#YEDAPALLI#COONOOR

                       साईं बाबा मंदिर एडापल्ली कुन्नूर 

          कुन्नूर के पास एडापल्ली गावं में, सिद्धगिरी पर्वत में, जंगल के बीच शांत एकांत वातावरण में  ,शिरडी के साईं बाबा का मंदिर है। मेन मंदिर में साईं बाबा का 7 फ़ीट ऊँचा मार्बल का मूर्ती है। मूर्ती के सामने स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है। मंदिर बने करीब 15 साल हो गया है। मंदिर के प्रांगण में एक कृष्ण जी का धातु का बड़ा सा मूर्ती है। प्रांगण के चारो तरफ सारे देवी देवता विराज मान है। पंचमुखी हनुमान जी ,विष्णु जी ,लक्ष्मी जी ,श्री यंत्र ,रामदरवार आदि है। गुरुवार को विशेष पूजा ,अर्चना ,आरती आदि मंदिर में होता है और प्रसाद वितरण होता है।कुन्नूर से 10 मिनट ही लगता है आने में पर आने के बाद बहुत ही अच्छा लगता है।  








शुक्रवार, 21 जून 2024

#THANTHI#MARIAMMAN#TEMPLE#COONOOR

              श्री थांथी मरियम्मन मंदिर 

                   अंग्रेजों के ज़माने में कुन्नूर जंगल के बीच में एक छोटा सा गावँ था। अंग्रेजो ने टेलीग्राम के लिये इस जगह  खम्भा लगवाया था जो आज भी मंदिर के प्रांगण में  है।एक भक्त को स्वप्न में देवी प्रगट हुई थी ,वहाँ खोदाई करने पर देवी माँ का मूर्ती मिला जिसे स्थापित कर के मंदिर बनवाया गया। इसलिए देवी को स्वम्भू माना जाता है। मंदिर प्राचीन और  छोटा जरूर है पर देवी जागृत लगती है। हमेशा पूजा होने के कारन भक्तों का ताँता लगा रहता है।  हर मंगलवार ,शुक्रवार ,नवरात्री ,दिवाली ,तमिल नया साल आदि विशेष पर्व त्यौहार में विशेष पूजा ,अर्चना होता है। जिस साल बारिश नहीं होता है तो भक्त पूजा अर्चना करते थे तो बारिश होता था इसलिए देवी को बारिश की देवी भी बोला जाता है। भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिये पूजा करने आते है और फल पाते है। 






 

गुरुवार, 20 जून 2024

#MURUGAN#TEMPLE#ELK#HILL#OOTY

                               मुरुगन मंदिर एल्क हिल ऊटी  

                         ऊटी के एल्क हिल में भगवान कार्तिक का एक मंदिर है। मंदिर के अंदर भगवान छोटे से है जहाँ रोज पूजा होता है। पर बहार में 10 मीटर ऊँचा मेटल का मूर्ती है। मंदिर में करीब 300 सीढ़ियां है। किनारे में रैंप भी बना हुआ है। हर साल जनवरी -फरवरी में सलाना उत्सव होता है। कावड़िया लोग मोर पंख और दूध लेकर आते है और अभिषेक करते है। मंदिर घने जंगल के बीच होने के कारन दूर से ही मूर्ति बहुत ही सुन्दर दीखता है।जंगल होने के कारन सुबह 9 से शाम 6 बजे तक ही खुलता है।यहाँ  रात में जानवरों का खतरा रहता है,इसलिए दोपहर में मंदिर खुला रहता है ,और शाम को बंद हो जाता है।  कार्तिक भगवान को मुरुगन ,सुब्रमणियम स्वामी ,सरवना आदि नामों  से जाना जाता है। साऊथ में पहाड़ों के ऊपर कार्तिक का मंदिर होता है।मन्यता  है की भगवान अपने माता पिता से रूठ कर साउथ में आगये थे।  जैसे नार्थ में देवी का मंदिर पहाड़ के ऊपर होता है।

 




 

मंगलवार, 18 जून 2024

#SARVANA#MALAI#MURUGAN#TEMPLE#COONOOR

                       सर्वनामलाई मुरुगन मंदिर कुन्नूर 

              कुन्नूर के पहाड़ के ऊपर चायबागान और  सैकड़ों साल पुराना घने जंगल में भगवान कार्तिक का एक प्राचीन मंदिर है।  हमारे घर के ठीक सामने मंदिर दिखता है। मंदिर 6 किलोमीटर की दूरी में है। वहां तक कार से जाने के बाद 10 मिनट घने जंगल के बीच चढ़ाई में पैदल जाना होता है। वैसे पुजारी सुबह शाम पूजा करके जाते है ,पर अमावस्या ,पूर्णिमा और खास खास तिथी वार में स्पेशल पूजा ,अर्चना और अभिषेक होता है। वैसे पहले भी एडवेंचर टूर के नाम से 3 -4 बार पहाड़ चढ़ कर मंदिर जाना हुआ है।पर कल विषेश पूजा और अभिषेक में जाना हुआ और भगवान कार्तिक का स्पेशल श्रींगार और आरती देखने का  सौभाग्य मिला।अभिषेक में मूर्ति को जल , दूध ,दही ,घी ,शहद ,चन्दन ,हल्दी ,गुड़ ,गुलाबजल  आदि अनेक प्रकार से अभिषेक करके फिर श्रींगार किया जाता है। घना  जंगल होने के कारन जानवर भी बहुत आते है इसलिए पूरा एरिया फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अंडर में रहता है।कोइ ऐसे घूमने नहीं जा सकता है। सिर्फ मंदिर के समय ही वहां जा सकते है।