श्री विट्ठल रुक्मणि मंदिर
भारत में कहीं भी घूमो मंदिर जाओ कृष्ण जी के हर मंदिर में साथ में राधा जी होती है।हमेशा लोग राधा -कृष्ण ही बोलते है। इस बार महाराष्ट्र घूमने का मौका मिला। यहाँ एक नया चीज देखने मिला। कृष्ण के मंदिर में राधा जी नहीं रुक्मणी जी साथ रहती है।यहाँ जंगल हो, पहाड़ हो, बाजार हो ,जहाँ भी गए हर जगह छोटा हो, या बड़ा मंदिर हो,सब जगह काले पत्थर का बहुत ही सूंदर कृष्ण -रुक्मणि का मूर्ति देखने मिला।
माना जाता है की कृष्ण भक्त पुंडलिक ने कृष्ण भगवान सेअनुरोध किया था की धरती में आकर अपने भक्तो को आशीर्वाद दे। तभी से महाराष्ट्र में विष्णु के अवतार को विट्ठल के नाम से जाना जाता है और यहाँ कृष्ण राधा नहीं विट्ठल -रुक्मणि की मूर्ति का पूजा होता है।मंदिर की शुरुआत पंढरपुर से हुई थी।
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