रविवार, 20 मई 2018

PURSLANE LEAVES

                                       कुल्फ़ा भाजी

              कुल्फा सारे विश्व में पाया जाने वाला हर्ब है। इंग्लैंड ,चीन ,अफ्रीका ,अमेरिका आदि देशों में सलाद के रूप में खाया जाता है।एशिया से ही सारे विश्व में फैला है।  कुल्फा जंगली घास की तरह गार्डन हो या कोई भी खाली जमीन हो अपने आप उगता रहता है और उसका बीज गिरते रहता है और पौधा फलते -फूलते रहता है।इसकी पत्ती छोटी -छोटी गोल -गोल होती है और डंठल गुलाबी लिये होता है। और इसमें बहुत ही छोटा -छोटा पीले रंग का फूल खिलता है।हमारे घर के गार्डन में भी होते रहता है ,पर अब खाते बनाते नहीं है। हमारी नौकरानी तोड़ कर ले जाती है। वे लोग बहुत चाव से खाते है।   भारत में भाजी बना कर साग भात खाया जाता है। कुल्फा भाजी बहुत ही पौष्टिक और सारे विटामीन तथा मिनरल से भर पुर है। विटामीन A ,C ,E के अलावा इसमें ओमेगा भी पाया जाता है। इसके बीज के पाउडर से दवाई भी बनती है। और बहुत से बीमारीयों में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक दवाई में तो इसके पत्ते ,डंठल ,जड़ और बीज सभी काम में लिया जाता है।
       बचपन में हमलोग भी कुल्फा का साग भात खाते थे। इसका स्वाद थोड़ा खट्टा -नमकीन होता है ,इसलिए इसे लोनी भाजी या नोनिया साग भी बोला जाता है। वैसे अलग -अलग प्रान्त में अलग नाम से जाना जाता है ,जैसे घोल ,गोली ,कटु इत्यादी। कच्चा कम खाना चाहिए पका कर ही खाना चाहिए। आज कल लोग वैसे पालक ,मेथी वगैरह ही ज्यादा जानते और खाते है। पर आज भी लेवर क्लास लोकल भाजी भात खाते है जिससे उन्हें एनर्जी भी मिलता है, और सस्ता भी होता है।





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