शनिवार, 5 नवंबर 2016

SURYA SASHTHI ( CHHAT PUJA )

                                                         छठ पूजा 

       हम बिहारियों के लिये छठ पर्व बहुत ही सम्मान और गर्व का पर्व है। इस दिन का सबों को बहुत इंतजार रहता है। चार दिवसीय  बहुत ही कठीन महा  पर्व है।जहाँ माताएँ अपने पुत्र की स्वस्थ के लिये कठीन व्रत करती है वहीं पूरा परिवार व्रत को सफल करने में मदद करता है। पुरे शहर में पूजा सामग्री का बाजार सज जाता है। ठण्ड के मौसम में जीतने तरह का फल -फूल ,साग -सब्जी होता है सभी पूजा में लगता है। 
    दो दिन पहले से घाट सज कर तैयार हो जाता है। पुरुष लोग अपने अपने परिवार के लिये घाट में पूजा के लिये जगह बना लेते हैं। महिलायें निर्जला व्रत रहकर खूब साफ सफाई से ठेकुआ का प्रसाद बनाती है। डूबते सूर्य और दूसरे दिन उगते सूर्य का पूजा होता है। सारे  परिवार के लोग नए वस्त्र धारण करके गाजे -बाजे ,फटाका के साथ घाट में सूर्य उपासना के लिये जाते हैं।
       हमलोग बचपन में बहुत ही खुशी -खुशी से नदी किनारे छठ पूजा देखने और ठेकुआ का प्रसाद पाने जाते थे। हम बिहारियों का हमेशा सबसे पसंद ठेकुआ होता है।अब इस पर्व का महत्त्व समझ आ रहा है। हमारे पूर्वजों ने जितना भी पर्व त्यौहार बनाया है सब के पीछे कुछ न कुछ साईंटिफ़िक कारण जरूर होता था। पर्व के बहाने साफ सफाई ,हर मौसम के सामान का ऊपज होगा तो पूजा में चढ़ाया जायेगा। सूर्य उपासना से सूर्य का महत्य । सब मिलाकर प्रेम, भाईचारा ,स्वास्थ सभी जुड़ा हुआ रहता था.
                                                                          जय छठ मैया 














    

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