रविवार, 7 जून 2015

MON,8 JUN       

                                                            बाग का आम 

              अपने बाग का आम का बात ही क्या होता है ,आम आम न रहकर बहुत ही खास हो जाता है। इस बार मार्च से ही बहुत आँधी पानी हो रहा था ,आम के पेड़ में फूल फल तो बहुत हुआ पर करीब करीब सब झड़ गया लगा की इस बार तो अपने पेड़ का पका आम तो खाने नहीं मिल पायेगा। पर अन्दर छुपा आम फिर भी मिल ही गया। बहू ने बहुत सा आम कुन्नूर भिजवा दिया। कुन्नूर में रायपुर का आम खाने मिला मजा आगया। 

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