हनुमान जन्म उत्सव
चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था।हनुमान जी की माता अंजनी थी, इसलिए इन्हे अंजनी पुत्र भी बोला जाता है। हनुमान जी को चिरंजीवी रहने का वरदान श्री राम जी ने दिया था। माना जाता है की त्रेता युग से कलयुग के अंत तक हनुमान जी का वाश इस धरती में रहेगा ,इसलिए हनुमान जी को अमर माना जाता है। हनुमान जी तब से अब तक राम जी का नाम जप रहे है। हनुमान जी को कलयुग का सबसे प्रभावशाली जीवित देवता माना जाता है। शिव जी की लीला के कारण शिव जी हनुमान रूप में अवतार लिये थे।
हनुमान जी का अनेक रूप ,आकर ,प्रकार में हर मंदिर में उनकी मूर्ती होती है।परन्तु रायपुर के राम मंदिर में हनुमान जी का बाल रूप अपनी माता अंजनी के गोद में उनकी छवि बहुत ही मनमोहक है।
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