साईं बाबा मंदिर
कुन्नूर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी में एडाप्पल्ली ग्राम में सिद्धगिरी पर्वत में शिरडी के साईं बाबा का एक भव्य मंदिर बना हुआ है। चारो और घाना जंगल ऊँचे -ऊँचे पेड़ हरियाली ही हरियाली एकदम ही मनोरम दृश्य बस देखते ही बनता है। एकदम शांत -एकांत वातावरण होने के कारण दिल को बहुत ही अच्छा लगता है।
मेन मंदिर के बीचो बीच में 7 फ़ीट का मार्बल का साईं जी का मूर्ती है। मूर्ती के सामने छोटा सा स्वम्भू शिवलींग भी है। मंदिर के प्रांगण में कृष्ण जी का मेटल का बहुत ही सुंदर बंशी बजाते हुए एक मूर्ती है। इसके आलावा देवी माँ ,गणेश जी ,कार्तिक जी ,विष्णु जी ,पंचमुखी हनुमान जी आदि देवी -देवताओं का भी मंदिर है। गुरुवार को विशेष पूजा तो होता ही है इसके अलावा हर दिन ही भक्तो का ताँता लगा ही रहता है।पहले भी 2 -3 वार मंदिर जाना हुआ ,पर इस रविवार को फिर से मंदिर जा कर दर्शन करने का सौभाग्य मिला।रविवार का इससे अच्छा सदुपयोग और क्या हो सकता है।
कुन्नूर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी में एडाप्पल्ली ग्राम में सिद्धगिरी पर्वत में शिरडी के साईं बाबा का एक भव्य मंदिर बना हुआ है। चारो और घाना जंगल ऊँचे -ऊँचे पेड़ हरियाली ही हरियाली एकदम ही मनोरम दृश्य बस देखते ही बनता है। एकदम शांत -एकांत वातावरण होने के कारण दिल को बहुत ही अच्छा लगता है।
मेन मंदिर के बीचो बीच में 7 फ़ीट का मार्बल का साईं जी का मूर्ती है। मूर्ती के सामने छोटा सा स्वम्भू शिवलींग भी है। मंदिर के प्रांगण में कृष्ण जी का मेटल का बहुत ही सुंदर बंशी बजाते हुए एक मूर्ती है। इसके आलावा देवी माँ ,गणेश जी ,कार्तिक जी ,विष्णु जी ,पंचमुखी हनुमान जी आदि देवी -देवताओं का भी मंदिर है। गुरुवार को विशेष पूजा तो होता ही है इसके अलावा हर दिन ही भक्तो का ताँता लगा ही रहता है।पहले भी 2 -3 वार मंदिर जाना हुआ ,पर इस रविवार को फिर से मंदिर जा कर दर्शन करने का सौभाग्य मिला।रविवार का इससे अच्छा सदुपयोग और क्या हो सकता है।
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