शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

HONOLULU QUEEN

                        DRAGON  FRUIT
                            पिथाया  फल

            ड्रैगन फ्रूट कैकटी फैमिली का पौधा है। अमेरीका के प्रमुख फसलों में से एक है। वैसे विएतनाम ,थाईलैंड ,मलेशिया ,एशिया आदि देशों में भी होता है ,पर पता नहीं इस फल का नाम होनोलुलु क्वीन कैसे पड़ा। अब भारत में भी इसकी खेती होने लगी है ,और रायपुर जैसे छोटे शहर में भी मिलने लगा है,पर  थोड़ा महंगा जरूर है। अपने ओषधीय गुणों के कारन लोग बाग शौक से लगाते है और खाते है।
      वैसे पौधा बीज से लगा सकते है पर बहुत टाईम लग जाता है। इसके टहनी काट कर लगाना ज्यादा अच्छा होता है और जल्दी बढ़ता भी है। इसका फूल सफ़ेद होता है और रात को ही खिलता है। फूल से फल आने और फिर फल तैयार होने में कम से कम 40 से 50 दिन लग जाता है ,जैसे सीता फल। इसका फल वैसे लाल होता है और अंदर दानेदार बीज के साथ गुदा होता है।कहीं  कहीं  फल के अंदर सफ़ेदऔर कहीं लाल गुदा होता है   पर चीन में पीला फल होता है।
       पेड़ जब सफ़ेद फूलों से भरा होता है तो बहुत सूंदर तो दीखता ही है और जब लाल -लाल फल से पूरा पेड़ भरा होता है तो कम आकर्षक नहीं होता है पेड़ और फल के आकार -प्रकार के कारन ही इसका नाम ड्रैगन फ्रूट पड़ा है। इसमें सारे विटामीन होने के कारन बहुत सारे बीमारियों में उपयोग किया जाता है। अच्छा है अब रायपुर में भी मिलने लगा है, खाने में भी स्वादिष्ट  और बहु उपयोगी। बीज तो लगा दीयें हैं ,देखें कब तक पौधा उगता है ,अभी पौधा मिला नहीं है मिलेगा तो जरूर लगा देंगे। फल का फल और गार्डन का शोभा का शोभा।









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