देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा तट पर उत्तरे देवलोक की छवि जैसी है काशी की देव दीपावली। बनारस के पंच गंगा घाट पर 1915 से हजारों दीपक जला कर पूजा और आरती कर के देव दीपावली की शुरुआत की गई थी।
मान्यता ये है की भगवान विष्णु ने अपना पहला मत्स्य अवतार इसी दिन लिया था। और शिव जी भी इसी दिन त्रिपुर राक्छस का वध किये थे। इसलिए देव दीपावली पर्व मानने की प्रथा बनारस में शुरू हो गई।
वैसे शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक व्रत -त्योहार का लाईन लगा रहता है। कार्तिक पूर्णिमा में गुरुनानक जयन्ती होने के कारण प्रभात फेरी और प्रकाश पर्व भी पुरे देश में मनाया जाता है। गंगा स्नान के अलावा सभी नदियों में भी मेला लगता है और लोग बाग स्नान और दान -पुन्न करते है।
रायपुर के महादेव घाट में भी लाखों लोग सुबह से ही स्नान और दान पुन्न करने नदी के तट पर जमा होने लगते हैं। हर साल मेला का भी आयोजन होता है।इस साल हमलोग भी मेला देखने शाम को महादेव घाट पहुँच गए। मेला घूम कर वापस घर आने पर बहुत ही सुन्दर कार्तिक पूर्णिमा का चाँद का दर्शन हुआ।
रायपुर के महादेव घाट में भी लाखों लोग सुबह से ही स्नान और दान पुन्न करने नदी के तट पर जमा होने लगते हैं। हर साल मेला का भी आयोजन होता है।इस साल हमलोग भी मेला देखने शाम को महादेव घाट पहुँच गए। मेला घूम कर वापस घर आने पर बहुत ही सुन्दर कार्तिक पूर्णिमा का चाँद का दर्शन हुआ।
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