गुरुवार, 24 मार्च 2016

HOLI

FRI,25 MAR

                                                                 होली का त्योहार                
                             पिछले साल बहुत दीनो के बाद होली ,शादी का सालगिरह और टाटा का जन्म दिन सब मार्च के पहले सप्तहा में पड़ा और संजोग भी क्या अचानक टाटा जाने का प्रोग्राम भी बना। एक तो दिन का ट्रेन और जाने का उत्त्साह। रास्ते भर टेषु का लाल लाल फूल देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। लग रहा था जल्द से जल्द टाटा पहुँच जाये। टाटा में संब भाई भतीजा पुरे परिवार के साथ होली और शादी का सालगिरह भी मानना हो गया फॅमिली गैदरिंग भी हो गया सबों को बहुत मजा आया।
               बहुत दिनों से बैद्यनाथ धाम जाने का मन था जाने का अवसर ही नहीं हो रहा था ,लगे हाथ बाबाधाम भी जाना हो गया। बहुत खुशी -खुशी वापस रायपुर आगये। एक ओ दिन और एक आज का दिन। अभी भईया को गए एक महीना हो गया। सचमुच क्या से क्या हो जाता है समय को कोई नहीं समझ सकता है कभी भी कुछ भी हो सकता है। हमलोग अपने ही दुःख से दुखी हो जाते है पर जब दूसरों को देखे तो पता चलता है दुनिया में कितना दुःख भरा है। माँ -बाबा अपने को कैसे सम्भाल रहें होंगे ईश्वर ही जाने।





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