मंगलवार, 7 जून 2022

#KHAJURAHO#TEMPLE

                              खजुराहो मंदिर 

              खजुराहो स्मारक समूह हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का समूह है।ये  मध्यप्रदेश के छतरपुर में है। ये स्मारक यूनेस्को विश्व धरोहर में जाना जाता है। 10 वीं से 12  वीं शताव्दी तक चंदेल वंश के अलग अलग राजाओं ने यहाँ अलग अलग मंदिरों का निर्माण किया था.उस कल में ८५ मंदिर थे पर अब सिर्फ 25 ही रह गए है।  
          उस ज़माने में यहाँ खजूर का विशाल वन था इसलिए खजुराहो नाम पड़ा। यहाँ के राजा चन्द्रवर्मन को इंद्र का पुत्र माना जाता था। इसीसे चंदेल वंश नाम पड़ा। एक ब्रिटिश इंजीनियर ने खजूर के जंगल में मंदिरो की खोज की थी जो की हजारो साल से वन में छीपा हुआ था। उसके बाद ही 1980 में वर्ल्ड हेरीटेज बना। यहाँ का सबसे बड़ा मंदिर में कंदरिया महादेव मंदिर है जो की बहुत ही सुन्दर है।यहाँ के खजूर वन में एक बहुत ही बड़ा शिवलींग भी मिला था जो की बहुत दूर से दिख जाता है। 
                यहाँ का प्रमुख मंदिर में दुलादेव मंदिर शिव को समर्पित हे ,चतुर्भुज मंदिर भगवान विष्णु को ,कंदरिया महादेव ,विश्वनाथ ,वामन ,लक्षमण ,सूर्य मंदिर आदि प्रमुख मंदिर है। बहार से  करीब करीब सब मंदिर और नक्काशी एक जैसा लगता है पर हर नक्काशी अलग कहानी बताती है। तांत्रिक संप्रदाय ,धार्मिक ,सौन्दर्य कला ,युद्ध आदि दर्शाता है।  
मंदिर की रचना ऐसी है की सूर्योदयऔर सूर्यास्त के समय सूरज की रौशनी सीधे गर्भ गृह में भगवान की मूर्ती में जाती है। एक मंदिर में मूर्ती ऐसा है की देखते ही रह जाओ । एक ही मूर्ती में सिर शिव का शरीर चतुर्भुज विष्णु जी का पैर कृष्ण जी का  . उस जमाना का  सोच और कारीगरी का तुलना कर ही नहीं सकते है।
यहाँ हर साल फरवरी के महीना में डांस फेस्टीवल होता है। यहाँ मंदिर समूह के प्रांगण में रोज रात्रि को ध्वनी और प्रकाश का प्रोग्राम अमिताभ बच्चन जी के आवाज में होता है ,जो जरूर देखना चाहिए। मंदिर बनने की सारी  जानकारी कहानी के रूप में बताया जाता है।
10 वों साल से खजुराओ का प्रोग्राम बनता था। जाना ही नहीं हो पा रहा था। आखिर मई की भीषण गर्मी में हमलोग का प्रोग्राम बना ,गाइड भी अच्छा मिला अच्छे से सब मंदिर घुमा दिया। बिना गाइड का तो मंदिर देख कर कुछ समझ ही नहीं आता। 








   
   

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