कलान्चो
कलान्चो सुकुलेंट वैराइटी का चमकदार हरे पत्ती वाला पौधा है।इसके पौधे में लाल ,पीला ,गुलाबी आदि रंग वाले फूल खिलते है। दिवाली से होली तक इसमें फूल आते है। पौधा बहुत ही छोटा होता है परन्तु पौधे के फुनगी में गुच्छे में फूल होता है हर गुच्छे में छोटे -छोटे 25 -50 तक फूल होता है।कलान्चो ओरीजन मेडागास्कर का पौधा है ,1927 में मेडागास्कर से पेरिस होते हुए 1932 में सारे संसार में फैला है।कलान्चो चीनी नाम है पर कब और कैसे ये नाम प्रचलन में आया ये आज तक पता नहीं चला। कलान्चो को लगाना और इसकी देख भाल करना भी बहुत ही आसान है।पौधे में होली तक फूल होकर फूल सुख जाता है फिर ऊपर से कटींग कर देना चाहिए। बरसात में इसका कटिंग करके फिर से लगा देने से दिवाली तक फिर पौधा फूल देने के लिये तैयार हो जाता है। पौधे को जमीन या गमले दोनों में लगा सकते है। धूप भरपूर मिलने पर फूल भी ज्यादा होता है। मेरे गार्डन में लाल कलान्चो का बहार है।
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