शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

NILGIRI MOUNTAION RAILWAY

                         नीलगिरि पर्वत मे रेल का सफर

       दक्षीण भारत का टूरिस्ट स्पॉट ऊंटी तमिलनाडु का हिल स्टेशन नीलगिरी पर्वत श्रंखला में है।ऊंटी घूमने के वैसे तो कई तरीके है। लेकिन टॉय ट्रेन में बैठने का कुछ अलग ही आनंद है। दुनिया का सबसे पुराना भाप इंजन कोयला वाला ट्रेन यहाँ चलता है। 1908 में अंग्रेजों के काल का ट्रेन है।इस ट्रेन के ट्रैक में पुल ,सुरंग है ,वो भी सब अंग्रेजों के ज़माने का है।
    वैसे तो ट्रेन मेट्टूपालयम से सुबह 7 बजे चल कर कुन्नूर होते हुए ऊंटी दोपहर को पहुँचती है। ऊंटी से दोपहर 2 बजे चलकर कुन्नूर होते हुए शाम 5 बजे वापस मेट्टुपालयम पहुँच जाती है। ऊंटी घूमने वाले टूरिस्ट ऊंटी से कुन्नूर या कुन्नूर से ऊंटी इस टॉय ट्रेन मे सफर जरूर करते है। टूरिस्ट या तो फर्स्ट क्लास या सेकंड क्लास में सफर करते है और लोकल रोज आने जाने वाले पब्लिक जनरल बोगी से आना जाना करते है जिसका किराया भी बहुत कम है।
    कुन्नूर से ऊंटी जाने पर चारों तरफ घने जंगल ,पहाड़ ,चाय बागान ऊँचे -ऊँचे विशाल युकलिप्टुस का पेड़,झरना ,गुफा का नजारा देखते ही बनता है।कुन्नूर से ऊंटी जाने पर  7 स्टेशन से होकर ट्रेन गुजरती है।कुन्नूर ,वेलिंगटन ,अरुवांकडू ,केट्टी ,लवडेल ,फर्न हिल ,ऊंटी। वेलिंगटन में फौजी छानवी और 8 मार्केट है ,अरुवांकडू में कोडनेट फ़ैक्टरी है ,लवडेल में प्रसिद्ध लॉरेंस स्कूल है। ट्रेन मे बैठे -बैठे नजारा देखते हुए जाना टूरिस्टों को बहुत अच्छा लगता है। शहर के दौड़ भाग के जिन्दगी से कुछ पल शुकुन भरा होता है।
   इस ट्रेन का नाम यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज में दर्ज है।कुन्नूर ऊंटी के रास्ते में इस ट्रेन में बहुत सारा फिल्म का शूटिंग भी हमेशा होते रहता है। एक तो शांत एकांत वातावरण ,दूसरा कोई डिस्टर्ब भी नहीं करता और सीन सीनरी तो है ही कुन्नूर कोई गेस्ट आता है तो उनको घुमाने के बहाने खुद भी घूमना हो जाता है। टॉय ट्रेन का मजा मिल जाता है।वैसे कुन्नूर स्टेशन मे ब्रेकफास्ट भी बहुत ही बढ़िया मिलता है ,खुद भी खाओ और गेस्ट को भी खिलाओ मजा आजाता है।







           

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