फलों का राजा आम
बगिया में बहार
हमारा राष्ट्रीय फल आम मीठा ,रसीला ,गुणवर्धक विटामीन से भरपूर है। हमारे घरों में इसके पत्ते ,लकड़ी इत्यादी पूजा में काम आता है। इसके छाल के चूर्ण तक दवाई बनाने के काम आता है। मजे की बात तो ये है की हजारों साल पहले से भारत में पाया जाता है। पुरे दुनिया में इसे पसंद करा जाता है। इतना उपयोगी होने के कारन ही आम को फलों का राजा बोला जाता है।
लगाना भी आसान है एक बार आम का पौधा लगाने के बाद पाँच साल में फलने -फूलने लगता है। हमारे गार्डन में भी 2 -2 आम का पेड़ है और जो की 20 साल पुराना हो गया है। साऊथ का पेड़ है नाम तो पता नहीं पर फल से लदा रहता है। मार्च से जो कच्चा आम झड़ता हे वो अंचार ,चटनी ,पना बनाने के काम आजाता है ,फिर तो मई -जून में पका फल मीठा -मीठा रसीला -रसीला खूब ही खिलाता है खाते भी है और बांटते भी है।
बगिया में बहार
हमारा राष्ट्रीय फल आम मीठा ,रसीला ,गुणवर्धक विटामीन से भरपूर है। हमारे घरों में इसके पत्ते ,लकड़ी इत्यादी पूजा में काम आता है। इसके छाल के चूर्ण तक दवाई बनाने के काम आता है। मजे की बात तो ये है की हजारों साल पहले से भारत में पाया जाता है। पुरे दुनिया में इसे पसंद करा जाता है। इतना उपयोगी होने के कारन ही आम को फलों का राजा बोला जाता है।
लगाना भी आसान है एक बार आम का पौधा लगाने के बाद पाँच साल में फलने -फूलने लगता है। हमारे गार्डन में भी 2 -2 आम का पेड़ है और जो की 20 साल पुराना हो गया है। साऊथ का पेड़ है नाम तो पता नहीं पर फल से लदा रहता है। मार्च से जो कच्चा आम झड़ता हे वो अंचार ,चटनी ,पना बनाने के काम आजाता है ,फिर तो मई -जून में पका फल मीठा -मीठा रसीला -रसीला खूब ही खिलाता है खाते भी है और बांटते भी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें