सोमवार, 23 अप्रैल 2018

LAAST WISH

                          माँ की अन्तिम इच्छा

                बचपन से ही माँ को घर गृहस्थी के काम में ही लगे हुए देखे है। बस सबों का खाना -पीना ,सुख -सुविधा का ध्यान देना। अपने लिये कोई फरमाईस ,तीर्थ -व्रत ,घूमना ,खरीदना कुछ भी आर्डर नहीं करना। बस परिवार और काम।  माँ का एक ही इच्छा था की 14 -15 साल के उम्र में टाटा में दुल्हन बन कर आये है और अर्थी भी यहीं से निकले। कितना भी बोलो कहीं चलने ,किसी के भी घर जाने को तैयार नहीं थी। राजेश कितना नानी को चिढ़ाता था की नानी जुबली पार्क चलना है साफ नहीं कहती थी।जब से बिस्तर पकड़ी थी बस यही इच्छा था यही से दुनिया से विदा लेंगे ।अब टाटा से कहीं बाहर नहीं जायेंगे।  भगवान भी उनका मान रखे। पुरे श्रिंगार  में सज -धज कर अपने शादी का सिन्दूर बाबा के हाँथो से लगवा कर जुबली पार्क होते हुए ,स्वर्ग रथ में सवार हो कर इस दुनिया से  विदा हुई।
                             भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।  




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