सरस्वती पूजा
आया रे आया रे आया सरस्वती पूजा। आखिर सरस्वती पूजा का दिन आ ही गया। सरस्वती जी को विध्या की देवी माना जाता है। सरस्वती पूजा वसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है।
जमशेदपुर में पूजा बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है। पर टेल्को कॉलोनी का बात ही कुछ अलग है। सभी स्कूल ,कॉलेज हो या चौक चौराहा सभी जगह देवी प्रतीमा रख कर वसंत पंचमी के दिन पूजा किया जाता है.हमलोग बचपन मैं इस पूजा का इंतजार करते थे ,कब पूजा आये और हम लड़कियों को साड़ी पहनने मिलेगा। पूरे कॉलोनी मै छोटी -छोटी लड़कियां साड़ी मै घुमते नजर आजायेगी। अब का तो पता नहीं पर 40 -50 साल पहले हमारे बचपन मै इसी तरह मनाया जाता था। बड़ी लड़कियाँ तो जबतक पूजा मै पुष्प अंजली नहीं देदेती थी तब तक वे बेर नहीं खाती थी। पूजा के प्रसाद मै ही ग्रहण करती थी।
इस दिन एक और मजे की बात होती थी सब अपने पंडालों को सजाने दूसरे मुहल्ले के घरों से फूल और गमला फूल लगा हुआ उठा कर अपने पंडाल को सजाते थे। रात भर सभी घरों के बड़े अपने-अपने घर के गार्डन की रखवाली करते थे जिससे कोई चोरी नहीं करे फिर भी चोरी हो ही जाता था।
पूजा के प्रसाद में खिचड़ी ,पत्ता गोभी और टमाटर की मीठी चटनी जरूर होता था। नारियल का गुड वाला लड्डू जिसे नारकेल नाडू बंगाली मै बोला जाता है हम सबों को इस का इंतजार रहता था।
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