शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

HAMARI PYARE KAKI

                                काकी को विनम्र श्रधान्जली

                                   हमारी प्यारी छोटी काकी 
हम सब की प्यारी हमारी छोटी काकी थी। हम सब बच्चों को बहुत मानती थी। पर उनमे एक बुराई थी वह अपने हेल्थ का ध्यान नहीं रखती थी। उनको शुगर की बीमारी हो गई थी। जब बीमारी ज्यादा बड गया तब वह वेळुर इलाज कराने आयी ,पर तब तक बहुत देर हो चुका था डाक्टरों ने जबाब देदीया। हम उस समय कुन्नूर में थे ,उनसे हमारा फ़ोन में हमेशा बात होता था ,हम उनको बोले थे की बेलूर से टाटा वापस जाते समय कुन्नूर हम से मिलकर जाने। 
                             हमारी काकी का हिम्मत मानना पड़ेगा इतना बीमारी के हालत में भी हम से मिलने कुन्नूर आयी हमारे साथ घूमी ,हम सबों को बड़ा अच्छा लगा। काकी से वही अन्तिम भेंट थी। उसके बाद टाटा पहुँचते तक काफी हालत ख़राब हो गई। उनको अस्पताल लेजाते तक वो बेहोस हो गयी। हफ्ते तक इलाज चला पर वह हम सबो को छोड़ कर इस  दुनिया से चलीगयी। इतनी कम उम्र में उनका अंत हो गया।    
                      देखते ही देखते साल बीत गया लगता है कल की ही बात हो 2012 सितम्बर में कुन्नूर आयी थी और 13 ओक्टुबर 2012 में उनका स्वर्गवास हो गया। भगवान उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे। आज काकी बहुत याद आरही थी। अब टाटा जाने से घर शुना शुना लगता है सब लोग हैं पर लगता है की अब काकी आकर बोलेगी बैठो ना लिली लो ना खाओना और लो। घर में सब कोई पुरा मान  सम्मान देते हैं फिर भी काकी की कमी बहुत खलती है।  मेरी प्यारी काकी। 
काकी को श्रदांजली 

कुन्नूर मेरे बच्चों के साथ 
काकी का परिवार बाराद्वारी 

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